भारत-पाक तनाव के बीच BSF जवान पीके साहू के पाकिस्तान में 20 दिन के संघर्ष की कहानी, खुलासे से हिल गईं सीमाओं की हकीकत।

गलती से पाक सीमा में घुसे BSF जवान PK साहू का 20 दिन तक कष्टदायक क़ैद का सच

India vs Pak War: पंजाब के फिरोजपुर में तैनात BSF जवान पीके साहू गलती से 23 अप्रैल को पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश कर गए थे। यह घटना पहलगाम आतंकी हमले के अगले दिन हुई, जब सीमा पर गश्त बढ़ाने के आदेश मिले थे। पाकिस्तानी रेंजर्स ने पीके साहू को पकड़ लिया और लगभग 20 दिन तक पाकिस्तान में रखा13 मई को पाकिस्तान ने उन्हें भारतीय सेना को सौंपा।

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20 दिन की पाकिस्तान कस्टडी में BSF जवान ने झेला मानसिक कष्ट

पीके साहू ने अपनी 20 दिन की कस्टडी का विस्तृत ब्यौरा भारतीय सेना को दिया है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की सेना ने उन्हें मेंटली टॉर्चर किया। लगातार गालियाँ दीं और नींद पूरी करने नहीं दी। आंखों पर हमेशा पट्टी बांधकर रखा गया। ब्रश करने की अनुमति नहीं मिली। हालांकि शारीरिक यातना नहीं दी गई, लेकिन मानसिक दबाव बेहद तीव्र था। पूछताछ के दौरान पाक रेंजर्स ने उनसे भारतीय सेना के अफसरों के फोन नंबर और गुप्त जानकारियां मांगीं।

पाकिस्तानी जेल की कोठरी, एयरबेस और गुप्त पूछताछ: PK साहू के संघर्ष की कहानी

पीके साहू ने बताया कि उन्हें तीन अलग-अलग गुप्त स्थानों पर रखा गया, जिनमें एक एयरबेस भी था जहां उन्होंने जहाजों की आवाजें सुनीं। उन्हें जेल की कोठरी में भी बंद किया गया। पूछताछ करने वाले लोग सिविल ड्रेस में थे और उन्होंने फोन कोड जैसी संवेदनशील जानकारी के लिए दबाव बनाया।

BSF जवान PK साहू की बहादुरी और परिवार-सरकार के प्रयासों से मिली आज़ादी

पीके साहू की गलती से पाकिस्तान घुसने की घटना के बाद भारतीय सेना (सरकार) और उनके परिवार ने लगातार प्रयास किए। 13 मई को अटारी बॉर्डर के माध्यम से वह वापस भारत लौटे। जहां उन्हें तुरंत हिरासत में लिया गया और गहन पूछताछ की गई। अभी तक वह घर नहीं गए हैं और सेना उनसे पूछताछ कर रही है।

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